Saturday, 22 August 2015

'लिवर ट्रांसप्लांट' चिकित्सा के क्षेत्र में भारत को एक नई उपलब्धि ! Ahmad Ashfaque Karim

चिकित्सकीय क्षेत्र में भारत को एक उपलब्धि हासिल हुई है। दिल्ली के अपोलो अस्पताल में एक अनोखे तरह का 'लिवर ट्रांसप्लांट' हुआ है। 
यहां ऑपरेशन के जरिए डॉक्टरों ने एक इंसान के लिवर को दो मरीज़ों में आधा-आधा लगाकर उन्हें नई जिंदगी दी है। यह इस तरह का पहला लिवर ट्रांस्पलेंट ऑपरेशन है जिसमें एक इंसान के लिवर को दो मरीजों में लगाया गया है। 
अपोलो अस्पताल प्रबंधन इस अनोखे तरह की सर्जरी के लिये बधाई का पात्र है।
इसतरह की सर्जरी देश में होने से लोगों को इलाज के लिये विदेश नहीं जाना पड़ेगा। साथ ही, इस अनोखे लिवर ट्रांसप्लांट से चिकित्सकीय क्षेत्र को एक नयी दिशा मिली है।
लिवर ट्रांसप्लांट की यह सर्जरी अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुभाष गुप्ता ने की। इस ऑपरेशन के जरिये 35 साल के सरीन और 41 साल की ललिता को मृत मरीज का लीवर लगाकर नई जिंदगी दी गई है।
दरअसल, लिवर शरीर का इकलौता ऐसा हिस्सा है जो आधा लगाने के बाद भी पूरे साइज़ तक बढ़ जाता है। लेकिन देश में अंगदान बेहद कम होने की वजह से लाखों मरीज़ बिना ट्रांसप्लांट के मर जाते हैं। देश में 2 लाख मरीज़ों को लिवर ट्रांसप्लांट की ज़रुरत है जबकि सिर्फ 1500 मरीज़ों को ही लिवर नसीब हो पाता है। हालांकि, ज़िंदा इंसान से भी लिवर लिया जा सकता है लेकिन मौत के बाद निकाला गया एक लिवर ही दो इंसानों को लगाया जा सकता है।

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